डोनाल्ड ट्रंप और चीन के बीच नई डील: कारों में लगेंगे चीनी मैगनेट, लेकिन टैक्स 55% तक पहुंचा!
लंदन, — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ एक नई व्यापार डील को हरी झंडी दे दी है। ये समझौता लंदन में हुआ, जिसमें खासतौर पर रेयर अर्थ मिनरल्स और मैगनेट्स (चुंबक) की सप्लाई पर सहमति बनी है — जो कि कार, मोबाइल और रक्षा उद्योग में बहुत ज़रूरी होते हैं।
🤝 क्या-क्या तय हुआ इस डील में?
-
चीन अब अमेरिका को फिर से रेयर अर्थ मिनरल्स और मैगनेट्स भेजेगा।
ये वही चीजें हैं जिनकी कमी की वजह से अमेरिका की कार फैक्ट्रियाँ लगभग बंद होने वाली थीं। -
अमेरिका की तरफ से चीन से आने वाले सामान पर कुल टैक्स 55% लगेगा।
इसमें पुराने 25% टैक्स, 20% टैक्स ड्रग्स (फेंटानिल) की वजह से और 10% बेसिक टैक्स शामिल हैं। -
अमेरिका बदले में चीनी छात्रों को अपने कॉलेजों में आने देगा।
ट्रंप ने कहा कि उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि उन्हें ये अच्छा लगता है।
💬 ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा:
“हमारी डील चीन के साथ फाइनल हो चुकी है — बस शी जिनपिंग और मेरी हां बाकी है।
हमें मिल रहे हैं 55% टैरिफ, चीन को मिल रहे हैं सिर्फ 10%। रिश्ता शानदार है!”
🔍 डील का मकसद क्या है?
पिछले कुछ महीनों से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार लड़ाई चल रही थी। दोनों ने एक-दूसरे पर भारी टैक्स लगा दिए थे।
इससे कंपनियों को नुकसान हो रहा था, खासकर अमेरिका की कार कंपनियों को, क्योंकि चीन ने चुंबकों की सप्लाई रोक दी थी।
अब इस डील से राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन बाकी व्यापारिक मतभेद अब भी ज्यों के त्यों हैं।
📌 क्यों है ये डील ज़रूरी?
-
चीन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स और मैगनेट्स का दुनिया भर में सबसे बड़ा स्टॉक है।
-
अमेरिका को अपने उद्योगों को चलाने के लिए इनकी ज़रूरत है।
-
अमेरिका और चीन की दुश्मनी ने दोनों देशों की सप्लाई चेन बिगाड़ दी थी।
🔚 निचोड़:
ट्रंप ने चीन से मिनरल्स लेने के लिए रास्ता तो खोल दिया, लेकिन जवाब में भारी टैक्स और चीनियों को कॉलेजों में आने की इजाजत दे दी।
अब देखना ये होगा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस डील को हरी झंडी दिखाते हैं या नहीं।
कार वाले खुश हो सकते हैं... लेकिन टैक्स वाले कहेंगे – "55%? ओ भाई!"
Comments
Post a Comment